युवा रोजगार में बढ़ती अस्थिरता: हर चौथा नौजवान नौकरी छोड़ रहा, विभाग करेगा जांच
रोजगार मेलों से जुड़ने के बावजूद हर चौथा युवा नौकरी छोड़ रहा, विभाग करेगा कारणों की जांच

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रोजगार मेलों के जरिए लाखों युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों से जोड़ा जा रहा है, लेकिन चिंता का विषय यह है कि इनमें से हर चार में से एक युवा नौकरी कुछ महीनों में ही छोड़ रहा है।
सेवायोजन विभाग की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2020 से 2025 तक, लाखों युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से जॉब मिली, लेकिन उनमें से बड़ी संख्या ने एक साल के अंदर नौकरी से इस्तीफा दे दिया। सिर्फ 2025 में ही करीब 3.14 लाख को नियुक्त किया गया, लेकिन 74 हजार से ज्यादा ने नौकरी छोड़ दी।
कारणों की होगी जांच
विभाग अब नौकरी छोड़ने वाले युवाओं से सीधे संवाद कर कारणों की जांच करेगा। इसके अलावा कंपनियों से भी फीडबैक लिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के आधार पर अन्य युवाओं की काउंसलिंग की जाएगी ताकि वे बेहतर ढंग से जॉब से जुड़े रहें।
संभावित कारण
- नौकरी के काम में असहजता
- वेतन और सुविधाओं में असमानता
- बाहरी शहरों में अधिक खर्च
- प्रमोशन और वेतनवृद्धि की कमी
- बेहतर अवसर मिलने पर इस्तीफा
विभाग का कहना है कि अब से नौकरी पाने वाले युवाओं को पहले ही काम और कंपनी से जुड़ी सटीक जानकारी दी जाएगी। इससे वे सोच-समझकर निर्णय लेंगे और नौकरी छोड़ने की दर में कमी आएगी।
केवल नौकरी देना ही काफी नहीं है, जब तक वह टिकाऊ और संतोषजनक न हो। सेवायोजन विभाग की यह पहल कि वह नौकरी मिलने के बाद की स्थिति पर भी ध्यान दे रहा है, सराहनीय है। इससे युवाओं में स्थिरता आएगी और रोजगार की गुणवत्ता बेहतर होगी।