धीरे-धीरे गरीबों की संख्या बढ़ रही है, पैसा कुछ अमीरों के हाथों में सिमटता जा रहा है: नितिन गडकरी
रविवार, 6 जुलाई 2025 केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में आर्थिक असमानता को लेकर चिंता जताई है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे गरीबों की संख्या बढ़ रही है और धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित होता जा रहा है, जो समाज के लिए खतरे की घंटी है।
गडकरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को इस प्रकार विकसित किया जाना चाहिए जिससे रोजगार सृजन हो और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि एक ऐसा आर्थिक विकल्प तैयार किया जा रहा है जो रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और देश की आर्थिक वृद्धि को संतुलित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की वर्तमान आर्थिक संरचना में असंतुलन है। जहां सेवा क्षेत्र देश की जीडीपी में 52-54 प्रतिशत का योगदान देता है, वहीं विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 22-24 प्रतिशत है। इसके विपरीत, कृषि क्षेत्र, जो देश की लगभग 65-70 प्रतिशत जनसंख्या को संलग्न करता है, केवल 12 प्रतिशत योगदान देता है।
गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई आर्थिक उदारीकरण की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि समय के साथ देश में कई बदलाव हुए हैं, लेकिन धन का अत्यधिक केंद्रीकरण एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस प्रवृत्ति पर ध्यान न देने से सामाजिक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
उन्होंने सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट्स) की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आज के सीए सिर्फ टैक्स फाइलिंग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे देश की आर्थिक नीतियों को दिशा देने में भी सक्षम हैं।
बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर उन्होंने बताया कि आज देश टोल बूथ से करीब 55,000 करोड़ रुपये सालाना कमा रहा है, और अगले दो वर्षों में यह आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। अगर इसे अगले 15 वर्षों तक मौद्रिकीकृत किया जाए, तो लगभग 12 लाख करोड़ रुपये तक की राशि इकट्ठा की जा सकती है।
गडकरी ने कहा कि उनके पास संसाधनों की कमी नहीं है, बल्कि काम की कमी है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत की अर्थव्यवस्था को अधिक समावेशी और संतुलित बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।