सपा का संगठनात्मक फैसला: सभी जिलाध्यक्ष बदले, कुशीनगर क्यों अपवाद?

अखिलेश यादव का विशेष फैसला: सभी जिलाध्यक्ष बदले, लेकिन कुशीनगर क्यों अछूता रहा?

प्रकाशित: 11 जून 2025 | स्थान: लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बुधवार को उस समय हलचल तेज हो गई जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों को हटाने का आदेश जारी कर दिया। इस व्यापक संगठनात्मक बदलाव में केवल एक जिला ऐसा रहा, जिसे अपवादस्वरूप बनाए रखा गया — कुशीनगर।

राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगा कि जब पूरे राज्य में सपा इकाईयों को बदला गया, तो कुशीनगर को क्यों छोड़ा गया? इसको लेकर पार्टी के भीतर और बाहर दोनों ओर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कुशीनगर के वर्तमान जिलाध्यक्ष राम अवध यादव की नियुक्ति हाल ही में, मार्च 2025 में हुई थी। दरअसल, पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद शुकरुल्लाह अंसारी का निधन हो जाने के कारण यह पद रिक्त हुआ था, और उसके बाद राम अवध यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

पार्टी से जुड़े लोगों का मानना है कि इतनी हालिया नियुक्ति को बदलना उचित नहीं माना गया। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि राम अवध यादव सपा नेतृत्व, विशेषकर अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं, जिस कारण उन्हें पद पर बनाए रखने का निर्णय लिया गया।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया पहले ही आगरा जिले से शुरू कर दी थी। जानकारों का मानना है कि यह पूरी कवायद 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।

पार्टी के इस कदम के बाद अब उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नई नियुक्तियों की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही, लखनऊ में सपा कार्यालय की गतिविधियों में तेजी आना तय है, जहां संभावित नेता अपनी दावेदारी पेश करने के लिए सक्रिय होंगे।