Boeing 787‑8 Dreamliner: हाईटेक विमान कैसे हुआ हादसे का शिकार?

हादसे के बाद कई गंभीर सवाल उठे हैं: इतनी अत्याधुनिक और सुरक्षित मानी जाने वाली तकनीक से लैस Dreamliner आखिर क्यों हादसे का शिकार हुआ? क्या यह 13 साल पुराना विमान अब भी उड़ान के लिए उपयुक्त था? पायलट की ट्रेनिंग, टेक्निकल फिटनेस और रखरखाव की प्रक्रिया अब कठघरे में हैं।
BOEING 787-8 Dreamliner की विशेषताएँ
वेबसाइट skybrary.aero के अनुसार, Boeing 787‑8 Dreamliner दुनिया का पहला ऐसा कमर्शियल विमान है, जिसकी संरचना में 50% कंपोज़िट मटेरियल का उपयोग किया गया है। इससे विमान न केवल हल्का बल्कि ईंधन कुशल भी बनता है। यह एक मिड-साइज, वाइड-बॉडी, ट्विन इंजन जेट एयरलाइनर है।
- विंगस्पैन: 60.10 मीटर
- लंबाई: 56.70 मीटर
- ऊंचाई: 16.90 मीटर
- इंजन: 2 × Rolls-Royce Trent 1000 या General Electric GEnx (280 kN)
- कीमत: लगभग ₹2.81 हजार करोड़
- पहली उड़ान: 14 दिसंबर 2013
- Air India को डिलीवरी: जनवरी 2014
घटना के समय का दृश्य और जानमाल का नुकसान
हादसे में 204 शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं। संख्या में वृद्धि की संभावना बनी हुई है।
BJ मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़ी कई इमारतें जैसे कि डॉक्टर्स हॉस्टल और PG होस्टल क्षतिग्रस्त हुई हैं। कम से कम 50 लोग घायल हुए, जिनमें 5 मेडिकल छात्र शामिल हैं। कुछ स्थानीय निवासियों की भी जान गई है। कुछ पीजी हॉस्टल सुरक्षित बचे हैं।
विमान में सवार 242 लोगों में से सिर्फ एक यात्री बच पाया — विष्वाश कुमार रमेश, जो कि 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं और सीट 11A पर बैठे थे। उन्होंने चमत्कारिक रूप से विमान से निकलकर अपनी जान बचाई और अब अस्पताल में इलाजरत हैं। उनके अनुसार, “बॉडीज़ मेरे चारों ओर पड़ी थीं।”
विमान के 12 क्रू सदस्यों में से किसी के बचने की पुष्टि नहीं हुई है। सभी की मृत्यु की आशंका जताई गई है।
यह Dreamliner इतना खास क्यों था?
यह विमान लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बनाया गया था। इसकी रेंज लगभग 13,530 किमी है। इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया था कि यह 20% कम ईंधनबड़ी खिड़कियाँ, उच्च आर्द्रता, बेहतर दबाव प्रणाली
तो आखिर हादसे की वजह क्या हो सकती है?
हालांकि अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में फ्लैप या गियर मैकेनिज़्म की असफलताएयरस्पीड लॉस
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