🔴 यूपी में पीजीटी भर्ती परीक्षा फिर स्थगित, अभ्यर्थी नाराज़
छह महीने में चौथी बार परीक्षा टली
प्रयागराज, 11 जून 2025 – उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने एक बार फिर प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय लिया है। आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 18 और 19 जून 2025 को प्रस्तावित यह परीक्षा अब अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी।
इस बारे में आयोग ने पत्रांक शि० से०आयोग /514/ अधियाचन / 2025-26, दिनांक 10 जून 2025 के माध्यम से यह सूचना जारी की। आयोग ने परीक्षा स्थगन के पीछे “अपरिहार्य कारणों” का हवाला दिया है। नई तारीखों की घोषणा जल्द ही आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.upessc.up.gov.in और समाचार पत्रों के माध्यम से की जाएगी।
छात्रों में भारी नाराज़गी
इस परीक्षा का लंबे समय से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। परीक्षा छह महीने में पहले ही तीन बार स्थगित हो चुकी है और अब चौथी बार टलने से हजारों अभ्यर्थी मानसिक तनाव में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर छात्रों का गुस्सा साफ झलक रहा है।
ट्विटर पर कई छात्रों ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि “परीक्षा की तैयारियों के नाम पर सिर्फ स्थगन खेला जा रहा है।” कुछ छात्र संगठनों ने परीक्षा की नई तिथि जल्द घोषित करने की मांग की है।
कहीं नहीं रुक रही स्थगन की श्रृंखला
बताते चलें कि यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं के स्थगन की समस्या अब एक आम बात बनती जा रही है। कभी प्रशासनिक कारणों से, तो कभी परीक्षा केंद्रों की तैयारियों की कमी बताकर परीक्षाएं टाल दी जाती हैं। इससे अभ्यर्थियों का समय, ऊर्जा और मनोबल तीनों ही प्रभावित हो रहे हैं।
आयोग की चुप्पी पर सवाल
परीक्षा रद्द करने का कारण स्पष्ट रूप से सार्वजनिक न किए जाने पर आयोग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। परीक्षा की नई तिथि घोषित न होने से छात्रों की तैयारियों और भविष्य की योजनाओं पर भी असर पड़ रहा है।
क्या कहा आयोग ने?
आयोग की ओर से संक्षिप्त विज्ञप्ति में केवल यह कहा गया है कि परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित की जा रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि ये कारण क्या हैं। इससे छात्रों की असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अब आगे क्या?
अब यह परीक्षा अगस्त के अंतिम सप्ताह में संभावित है, लेकिन आधिकारिक रूप से कोई नई तिथि घोषित नहीं की गई है। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे आयोग की वेबसाइट पर नियमित अपडेट देखते रहें।
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