शिक्षा विभाग के संविदा कर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 13 वर्षों से वेतन वृद्धि न होने पर की गुहार
प्रदेश के प्रत्येक जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) पर तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर और सहायक लेखाकार जो सृजित पदों के सापेक्ष नियुक्त हुए हैं, वे पिछले 13 वर्षों से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनका वेतन आज तक स्थिर बना हुआ है। कड़ी मेहनत के बावजूद भी 13 वर्षों से उनकी मानदेय राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
प्रदेश के संविदा कर्मचारी, विशेषकर बेसिक शिक्षा के पदस्थ, अपने हितों की आवाज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तक पहुंचा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 13 वर्षों से वेतन में कोई वृद्धि नहीं हुई, जबकि स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक कर्मी जो दो साल बाद नियुक्त हुए हैं, उनका वेतन दोगुना हो चुका है और वे आउटसोर्सिंग से मुक्त होकर जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से बेहतर सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं।
संविदा कर्मी यह भी बताते हैं कि वेतन न बढ़ने और आउटसोर्सिंग की शोषणकारी व्यवस्थाओं के कारण वे आर्थिक तंगी और अन्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कई बार वेतन में कटौती या विलंब होता है, साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में अनियमितताएं देखी गई हैं।
संविदा कर्मियों ने निवेदन किया है कि उन्हें भी जिला बेसिक शिक्षा समिति में शामिल किया जाए ताकि वे ठेकेदारों के शोषण से मुक्त होकर अपने अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा सकें। साथ ही वेतन वृद्धि एवं नियमितीकरण की मांग को लेकर वे मुख्यमंत्रालय से शीघ्र समाधान की उम्मीद करते हैं।
प्रदेश के शिक्षा विभाग के माननीय मंत्री श्री संदीप सिंह, प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ. एम. के. शणमुगा सुंदरम, सचिव और निदेशक जनरल श्रीमती कंचन वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस विषय पर संवेदनशील हैं और शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दे चुके हैं।