उत्तर प्रदेश बनेगा ग्लोबल सेवा हब, 2 लाख को मिलेंगी नौकरियां
लखनऊ, : उत्तर प्रदेश को जल्द ही ग्लोबल सेवा हब बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे राज्य में दो लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति को मंजूरी दी गई है।
इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को भारत का अगला वैश्विक सेवा केंद्र बनाना है और इससे वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। नई नीति से आईटी, बैंकिंग, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और नई पीढ़ी की तकनीकों से संबंधित वैश्विक कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होगा।
मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक ने बताया कि भारत में आ रही मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए आउटसोर्सिंग की आवश्यकता को देखते हुए, उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। नोएडा में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 10,000 सीटों का एक डवलपमेंट सेंटर पहले ही शुरू किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों में भी इस तरह के केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में साइंस, लॉ, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों का बड़ा टैलेंट पूल मौजूद है। यही कारण है कि कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने ऑफशोर डवलपमेंट सेंटर्स को यहां स्थापित करने के लिए इच्छुक हैं।
नई नीति के लागू होने से आईटी, एचआर, कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में दो लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही, वैश्विक निवेश भी तेजी से प्रदेश में आएगा, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह नीति महिलाओं, एससी/एसटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों के लिए रोजगार में विशेष प्रोत्साहन प्रदान करती है।
इसके अलावा, स्टार्टअप्स को आइडिएशन, पेटेंट और रिसर्च में भी मदद मिलेंगी।
अंत में, सरकार ने यह भी घोषणा की है कि चने की दाल की बढ़ी कीमत की भरपाई की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से तय की गई धनराशि से अतिरिक्त खर्च की भरपाई राज्य सरकार करेगी और इसके लिए 51 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की मंजूरी