CIBIL स्कोर बना युवाओं के सपनों की दीवार, CM युवा योजना से हजारों वंचित

प्रकाशित: 7 मई 2025 |

CM युवा योजना के तहत लाखों युवा आत्मनिर्भर बनने को तैयार, लेकिन CIBIL स्कोर बनी बड़ी बाधा

CM Yojana

लखनऊ, मई 2025 (NBT रिपोर्ट):
वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' के अंतर्गत लाखों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में MSME विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी पात्र युवाओं को प्रशिक्षित कर समयबद्ध ऋण वितरण सुनिश्चित किया जाए।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 3.21 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 56 हजार से अधिक आवेदन स्वीकृत किए गए। चालू सत्र 2025-26 में यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है।

CIBIL स्कोर की बाधा से हजारों युवा योजना से वंचित

हालांकि योजना के सफल क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा युवाओं का CIBIL स्कोर बनकर सामने आया है। कई युवाओं का कहना है कि उन्होंने न तो कोई ऋण लिया है और न ही किसी को गारंटर बनाया है, फिर भी उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में खराब स्कोर दिखाया जा रहा है। इससे वे इस योजना के लिए अयोग्य घोषित हो जाते हैं।

कुछ मामलों में तो ऐसे युवाओं को भी डिफॉल्टर बताया गया है, जिन्हें गारंटर बनाया ही नहीं गया था, लेकिन क्रेडिट एजेंसियों की रिपोर्टिंग में उनका नाम शामिल कर दिया गया। इससे कई पात्र युवा योजना के लाभ से वंचित हो गए हैं।

विशेष छानबीन और सुधार की जरूरत

वित्तीय और युवा कल्याण विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ऐसे मामलों की विशेष छानबीन कर पात्र और साफ-सुथरी वित्तीय पृष्ठभूमि वाले युवाओं को फिर से योजना में शामिल करने का रास्ता निकालना चाहिए। कई बार बैंक या लोन एजेंसियों की त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग से भी CIBIL स्कोर प्रभावित होता है।

युवाओं की मांग है कि इस योजना का लाभ हर उस योग्य व्यक्ति तक पहुँचे जो वास्तव में स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाना चाहता है, न कि वह तकनीकी गलतियों के कारण पीछे छूट जाए।

सरकार से आशा, समाधान की दिशा में बढ़े कदम

प्रदेश में चल रहे ‘CM युवा योजना’ जैसी पहल का उद्देश्य युवाओं को ‘Job Creator’ बनाना है। लेकिन CIBIL जैसे तकनीकी मुद्दे यदि युवाओं को अयोग्य बना रहे हैं, तो यह सरकार की नीति की सफलता में एक बड़ी बाधा बन सकता है। समय है कि शासन इस ओर गंभीरता से ध्यान दे।