128 वर्षीय योग गुरु शिवानंद का निधन, अंतिम संस्कार में शामिल हुए पांच शिष्य

Published: May 5, 2025 at 9:07 PM IST | Updated: May 5, 2025 at 9:07 PM IST

वाराणसी: 128 वर्षीय पद्मश्री योग गुरु शिवानंद महाराज का शनिवार को निधन हो गया। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया। उनके पांच शिष्यों ने उन्हें मुखाग्नि दी। हालांकि, शिष्य भूसमाधि की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, जिसके कारण अंतिम संस्कार में देरी हुई।

Shivanand's final rites

शिवानंद बाबा के आश्रम से जुड़े पांच सदस्य—हीरामन विश्वाश, संजय सरवजना, पुरुषोत्तम भट्टाचार्य, मामोनी दीदी, और सुशांत—ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया। इनमें से दो महिलाएं भी थीं। इसके अलावा, नगर निगम के पार्षद अक्षयवर कुमार सिंह ने उस गली का नाम 'शिवानंद बाबा गली' रखने का ऐलान किया, जहां बाबा का आश्रम था।

शिवानंद बाबा की दिनचर्या और जीवनशैली उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रही। वह रोज़ तड़के 3 बजे उठते थे और योगाभ्यास के बाद संयमित आहार लेते थे। उन्होंने अपनी लंबी उम्र का राज योग, आहार-विहार, और संयम में बताया था।

योग गुरु शिवानंद को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्होंने सम्मान प्राप्त किया था। उनकी जीवित अवस्था में उनकी फिटनेस को देखकर लोग हैरान हो गए थे। उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को बांग्लादेश के श्रीहट्टी जिले में हुआ था।

Shivanand Baba's last rites

अंतिम संस्कार के बाद भी उनके अनुयायी उनकी समाधि बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने अंतिम संस्कार को प्राथमिकता दी। उनके अनुयायी इस बात से संतुष्ट हैं कि उनकी समाधि के लिए भी भविष्य में निर्णय लिया जाएगा।

योग गुरु शिवानंद का जीवन हमेशा एक आदर्श रहेगा और उनके अनुयायी उनकी शिक्षाओं का पालन करेंगे। उनके निधन के बावजूद उनकी उपदेशों और योग के सिद्धांतों से वे हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।