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यूपी की साक्षरता दर 73 फीसदी के करीब, हरियाणा और तेलंगाना जैसे राज्य पीछे

उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर में ऐतिहासिक सुधार
उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है, जो 69.72% से बढ़कर 72.6% तक पहुंच गई है। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में यह दर 80.85% तक पहुंच चुकी है, जिससे यूपी ने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
केंद्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यूपी की ग्रामीण साक्षरता दर 70.45% है, जो कि कुछ अन्य राज्यों की तुलना में कम है।
राज्य पुरुष साक्षरता महिला साक्षरता
उत्तर प्रदेश 81.8% 63.4%
आंध्र प्रदेश 67.5% 53.4%
बिहार 78.6% 58.7%
राजस्थान 77.6% 52.6%
तेलंगाना 70.6% 53.7%
लैंगिक अंतर में कमी: 2011 में पुरुषों की साक्षरता दर 79.24% और महिलाओं की 59.26% थी, जबकि 2024 में यह क्रमशः 81.8% और 63.4% हो गई है। इससे लैंगिक अंतर 19.98% से घटकर 18.4% हो गया है।
असम का विशेष मामला:
असम भारत का एकमात्र राज्य है जहां शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की साक्षरता दर पुरुषों से अधिक है।
महिलाएं: 91.4% | पुरुष: 86.3% | अंतर: 5.1%
सरकारी प्रयासों का असर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए अभियान जैसे 'स्कूल चलो अभियान' और 'कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना' ने शिक्षा के क्षेत्र में खासा असर डाला है, विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सुधार जारी रहा, तो उत्तर प्रदेश निकट भविष्य में साक्षरता के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों और महिलाओं की शिक्षा को लेकर अभी भी कई चुनौतियाँ हैं।

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