कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माने जाते हैं, जो कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाए जाते हैं। इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, और इसी के कारण इसे बहुत पवित्र माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2024 तिथि (Kartik Purnima 2024 Date)
- तिथि प्रारंभ: 15 नवंबर 2024, सुबह 6:19 बजे
- तिथि समाप्त: 16 नवंबर 2024, सुबह 2:58 बजे
- कार्तिक पूर्णिमा पर्व: 15 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त (Snan Daan Muhurat)
- शुभ मुहूर्त: सुबह 4:58 बजे से 5:51 बजे तक
- चंद्रोदय का समय: शाम 4:51 बजे
देव दीपावली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त (Dev Deepawali Shubh Muhurat)
- प्रदोष काल मुहूर्त: 15 नवंबर, शाम 5:10 बजे से 7:47 बजे तक (2 घंटे 37 मिनट)
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठें और स्नान कर घर की साफ-सफाई करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें और यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को गंध, पुष्प, फल, फूल, और वस्त्र अर्पित करें, और मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार अर्पित करें।
- दीपक जलाकर विष्णु जी की आरती करें और उनके मंत्रों का जप करें।
- व्रत कथा का पाठ करें और गरीबों को दान देना शुभ माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Significance of Kartik Purnima)
- इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण कर राक्षसों और ऋषि-मुनियों की रक्षा की थी।
- स्नान, दान, और दीप दान का विशेष महत्व है, जिससे व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- इसे भगवान कार्तिकेय के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो शक्ति और साहस के प्रतीक माने जाते हैं।
यह पर्व पवित्रता, धर्म, और आस्था का प्रतीक है और इसे पूरे श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाने से सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।