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26 नवंबर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (डॉ. कुरियन की 103वीं जयंती, 2024 में )

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) 26 नवंबर को मनाया जाता है और यह डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जाता है। डॉ. कुरियन, जिन्हें भारत का "मिल्क मैन" कहा जाता है, ने भारत में श्वेत क्रांति (White Revolution) की नींव रखी और दूध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए। 2024 में इस दिन ने डॉ. कुरियन की 103वीं जयंती मनायी जायेगी ।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के प्रमुख बिंदु:

  1. डॉ. वर्गीज कुरियन का योगदान:
  2. ऑपरेशन फ्लड: डॉ. कुरियन ने ऑपरेशन फ्लड (1970) की शुरुआत की, जो दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम ने भारत में दूध उत्पादन को दोगुना किया और इसे आत्मनिर्भर बनाया।
  3. अमूल ब्रांड: डॉ. कुरियन ने अमूल ब्रांड की स्थापना की, जिसने भारत में सहकारी डेयरी मॉडल को सफल बनाया और दूध के उत्पादों को बड़े पैमाने पर लोकप्रिय किया।
  4. श्वेत क्रांति: उनकी पहल के कारण भारत 1998 में अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया।
  5. ऑपरेशन फ्लड के चरण:

    1. चरण I (1970-1980): यूरोपीय संघ द्वारा प्रदान किए गए बटर आयल और स्किम्ड मिल्क पाउडर के दान से इस चरण को वित्तपोषित किया गया।
    2. चरण II (1981-1985): दुग्धशालाओं की संख्या में वृद्धि और शहरी बाजारों में दूध की दुकानों का विस्तार किया गया।
    3. चरण III (1985-1996): डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार किया गया और दूध की खरीद एवं वितरण के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया।
  6. राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार:
    यह पुरस्कार मवेशी और डेयरी क्षेत्र के लिए है और यह सर्वोत्तम स्वदेशी नस्लों को बढ़ावा देने और बेहतर प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने के लिए दिया जाता है।

  7. भारत का दुग्ध उत्पादन:

    1. भारत में दूध उत्पादन करने वाले टॉप पांच राज्य ये रहे: उत्तर प्रदेश (15.72%)राजस्थान (14.44%), मध्य प्रदेश (8.73%), गुजरात (7.49%), आंध्र प्रदेश (6.70%).ये सभी राज्य मिलकर देश के कुल दूध उत्पादन में 53.08% का योगदान देते हैं.
    2. भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, और इसका वैश्विक उत्पादन में 22% योगदान है।
    3. 1951 में 17 मिलियन टन दूध उत्पादन से बढ़कर 2018-19 में यह 187.7 मिलियन टन हो गया।
    4. डेयरी क्षेत्र में लगभग 70-80% अंतिम बाजार मूल्य किसानों को प्राप्त होता है, जो ग्रामीण आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  8. चुनौतियाँ:

    1. दूध और दुग्ध उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, और विपणन प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
    2. कोल्ड चेन और भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण उत्पादों के परिवहन में कठिनाई होती है।
  9. संबंधित पहल:

    1. ई-गोपाला ऐप: यह ऐप किसानों को समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना पोर्टल के रूप में सेवाएं प्रदान करता है।
    2. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम: यह कार्यक्रम देश में पशुओं में खुरपका-मुँहपका रोग (FMD) और ब्रुसेलोसिस को नियंत्रित करने के लिए चलाया गया है।
    3. राष्ट्रीय गोकुल मिशन: यह मिशन पशुधन विकास के लिए एकीकृत केंद्रों की स्थापना के लिए 2019 में शुरू किया गया था।

निष्कर्ष:

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस डॉ. वर्गीज कुरियन की महान उपलब्धियों और भारत में डेयरी क्षेत्र में किए गए योगदानों को मान्यता देने का दिन है। यह दिन दूध और दुग्ध उत्पादों के महत्व को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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