प्रदेश के विकास के भागीदार बनेंगे किसान: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का किसान अब केवल योजनाओं का लाभार्थी नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास का सक्रिय भागीदार बनेगा। उन्होंने कहा कि "नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में कृषि केवल जीविका नहीं, बल्कि समृद्धि और आत्मनिर्भरता का आधार बनेगी।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2016-17 में जहां खाद्यान्न उत्पादन 557.46 लाख मीट्रिक टन था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 725.12 लाख मीट्रिक टन हो गया है। यानी बीते आठ वर्षों में प्रदेश में कुल 167.66 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। इसी अवधि में दलहन और तिलहन उत्पादन में भी दोगुने से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि देश के कुल कृषि क्षेत्र का 11.41% हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन में राज्य की हिस्सेदारी 20.89% है। यह किसानों की मेहनत और सरकार की नीतियों की सफलता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने बीजों की गुणवत्ता और स्थानीय जलवायु के अनुसार उपयुक्तता पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुसार विशेष बीज विकसित किए जाएं और किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाएं। लखनऊ में प्रस्तावित चौधरी चरण सिंह बीज पार्क की स्थापना को तत्काल शुरू करने के निर्देश भी दिए।
कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदन लेने से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक किसानों तक इसकी जानकारी पहुंचे।
‘श्री अन्न’ यानी मोटे अनाज को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष उत्साह जताया और इसके प्रोत्साहन व सरकारी खरीद की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। साथ ही, प्राकृतिक खेती और जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण की प्रभावी व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।
बैठक में यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक उत्तर प्रदेश के 2.81 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इसे किसान कल्याण में पारदर्शिता और सुशासन का जीवंत उदाहरण बताया।