हंसते-खेलते परिवार की आखिरी सेल्फी... अहमदाबाद प्लेन क्रैश में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
12 जून 2025, अहमदाबाद: दोपहर 1:39 बजे, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी, किसी को क्या पता था कि यह उड़ान कई परिवारों की ज़िंदगी में अंधेरा छोड़ जाएगी। इस हादसे की सबसे मार्मिक कहानी राजस्थान के बांसवाड़ा से आई, जहां एक पूरे परिवार की मौत हो गई।
तस्वीर में दिख रहे ये मुस्कुराते चेहरे—डॉ. प्रदीप व्यास, उनकी पत्नी डॉ. कोनी व्यास, और तीन मासूम बच्चे प्रद्युत, मिराया और नकुल—अब बस एक याद बनकर रह गए हैं। फ्लाइट में बैठते ही ली गई यह सेल्फी उनके जीवन की आखिरी तस्वीर बन गई। जो चेहरें कभी जिंदगी से भरे थे, वो अब सफेद चादरों में लिपटे वापस लौटे हैं।
लंदन शिफ्ट होने का सपना, ताबूत में बदल गया
डॉ. कोनी व्यास उदयपुर के पेसिफिक हॉस्पिटल में डॉक्टर थीं। उन्होंने लंदन में रहने वाले अपने पति के साथ एक नया जीवन शुरू करने के लिए हाल ही में नौकरी छोड़ी थी। उन्हें क्या मालूम था कि जिस फ्लाइट से वो भविष्य की उम्मीदें लेकर निकल रहीं थीं, वो उन्हें ज़िंदगी से ही छीन लेगी।
पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि ये परिवार पूरे मोहल्ले की शान था। बच्चों की हँसी, मां-बाप की मुस्कान… आज सिर्फ तस्वीरों में कैद है।
राजस्थान के अन्य परिवार भी उजड़ गए
इस भयावह हादसे में राजस्थान के कुल 11 लोगों की जान गई। उदयपुर के एक मार्बल व्यवसायी के दो बच्चे जो लंदन घूमने जा रहे थे, अब कभी वापस नहीं आएँगे। बीकानेर और बालोतरा के कुछ युवकों की भी मौत की पुष्टि हो चुकी है।
ऐसा प्रतीत होता है जैसे पूरा एक राज्य मातम में डूब गया हो। जिन लोगों ने अपनों को लंदन रवाना किया, वे अब शोक में उनके अवशेषों का इंतज़ार कर रहे हैं।
204 शव बरामद, बस एक व्यक्ति ज़िंदा
अब तक 204 शव बरामद किए जा चुके हैं। मेडिकल कॉलेज और स्टाफ हॉस्टल भी इस हादसे की चपेट में आ गए। हादसे में 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
एक चमत्कार ने सिर्फ एक व्यक्ति को ज़िंदा छोड़ा—विष्वाश कुमार रमेश, 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय, जो सीट 11A पर बैठे थे। वे कहते हैं, "मेरे चारों ओर बस चीखें और लाशें थीं... मैं ज़िंदा हूं, पर अधूरा हूं।"
★