बाराबंकी के इस गांव में आजादी के बाद पहली बार हाईस्कूल पास हुआ कोई युवक, 75 साल में 10वीं तक नहीं पहुंच पाया एक भी छात्र

Published: May 2, 2025 at 8:30 PM 

बाराबंकी हाईस्कूल पास छात्र

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के निजामपुर गांव से एक ऐतिहासिक खबर सामने आई है। 75 सालों में पहली बार इस गांव के किसी युवक ने हाईस्कूल की परीक्षा पास की है। रामकेवल नाम के इस छात्र ने इतिहास रचते हुए पूरे गांव को गौरवान्वित कर दिया है।

गांव की पहली पीढ़ी तक सीमित शिक्षा

बनीकोडर ब्लॉक के निजामपुर गांव में लगभग 40 घर और 200 की आबादी है, जो सभी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। गांव में केवल प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था है और उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी रही है। राजकीय इंटर कॉलेज अहमदपुर की स्थापना 2013 में हुई, लेकिन आज तक कोई भी छात्र हाईस्कूल पास नहीं कर पाया था।

रामकेवल की प्रेरक सफलता

जगदीश के बेटे रामकेवल ने जब यह जाना कि उनके गांव में आज तक कोई हाईस्कूल पास नहीं हुआ है, तो उन्होंने ठान लिया कि वह यह रिकॉर्ड तोड़ेंगे। उन्होंने 600 में से 322 अंक प्राप्त किए और 53.6% अंकों के साथ उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा 2025 में सफलता हासिल की।

रामकेवल के पिता मजदूरी करते हैं और मां पुष्पा देवी सरकारी विद्यालय में रसोइया हैं। उनके परिवार के अन्य बच्चे भी पढ़ाई कर रहे हैं – एक भाई 9वीं में, दूसरा 5वीं में और छोटी बहन कक्षा 1 में है।

'मिशन पहचान' और समाजिक बदलाव

कॉलेज प्रिंसिपल विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि डीआईओएस ओपी त्रिपाठी की पहल 'मिशन पहचान' ने छात्रों को आत्मविश्वास दिया और यह बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम बना। रामकेवल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों और इस पहल को दिया।

जिलाधिकारी ने किया सम्मानित

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने रामकेवल को उनके साहस और उपलब्धि के लिए सम्मानित किया। डीआईओएस ने कहा कि रामकेवल का यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा की मशाल बनेगा। अब रामकेवल की इच्छा है कि वह गांव के अन्य बच्चों को भी शिक्षा की ओर प्रेरित करें।

निजामपुर जैसे गांवों में शिक्षा की यह छोटी सी जीत एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आ सकती है। रामकेवल की सफलता पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल है।