
राहुल गांधी का आरोप: "NFS नया मनुवाद है, मोदी सरकार आरक्षण के खिलाफ साज़िश कर रही है"
27 मई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और अन्य केंद्रीय संस्थानों में आरक्षित पदों को 'Not Found Suitable' (NFS) घोषित कर खाली रखने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे नया "मनुवाद" करार देते हुए कहा कि SC/ST/OBC समुदायों के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर अयोग्य ठहराया जा रहा है ताकि वे शिक्षा और नेतृत्व से दूर रहें।
राहुल गांधी ने कहा, "बाबासाहेब ने कहा था कि शिक्षा बराबरी के लिए सबसे बड़ा हथियार है, लेकिन मोदी सरकार उस हथियार को कुंद करने में जुटी है।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में 60% से अधिक प्रोफेसर और 30% से ज्यादा एसोसिएट प्रोफेसर के आरक्षित पदों को NFS बताकर खाली रखा गया है। राहुल गांधी का दावा है कि यह केवल DU तक सीमित नहीं है बल्कि IITs और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी यही साज़िश चल रही है।
उनके अनुसार, “NFS संविधान पर हमला और सामाजिक न्याय से धोखा है। यह सिर्फ़ शिक्षा और नौकरी की नहीं, बल्कि हक़, सम्मान और हिस्सेदारी की लड़ाई है।”
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के छात्रों से बात करने के बाद कहा कि अब वे BJP और RSS की हर आरक्षण-विरोधी चाल को संविधान की ताकत से जवाब देंगे।
यह बयान शिक्षा जगत और राजनीतिक हलकों में आरक्षण और सामाजिक न्याय को लेकर एक बार फिर बहस को गर्म कर सकता है।
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