उत्तर प्रदेश में 69,000 करोड़ का निवेश: योगी सरकार के प्रयासों को मिला उद्योगपतियों का समर्थन

 



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बन रहा देश का औद्योगिक हब, डेटा सेंटर, सौर ऊर्जा और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुआ बड़ा निवेश

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक विकास को नई गति देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। मुंबई के जिओ वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ‘इन्वेस्ट यूपी’ द्वारा आयोजित उच्चस्तरीय राउंडटेबल मीटिंग में देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये के निवेश का भरोसा जताया। इस बैठक में कुल मिलाकर 69,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव सामने आए, जो उत्तर प्रदेश को भारत के अग्रणी औद्योगिक केंद्रों में से एक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरन आनंद ने किया। इस दौरान उपस्थित उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नीति, पारदर्शिता, निवेशकों के लिए सुगमता और लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर की सराहना की।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार निवेशकों को ‘सिंगल विंडो’ के माध्यम से त्वरित अनुमतियाँ प्रदान कर रही है और हर संभावित सहयोग सुनिश्चित कर रही है।

बैठक में पेश हुए प्रमुख निवेश प्रस्तावों में हीरानंदानी समूह द्वारा नोएडा में 30 मेगावाट क्षमता वाले डेटा सेंटर का विस्तार शामिल है, जिसे जल्द ही दोगुना किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, समूह ने ₹28,440 करोड़ की लागत वाली सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजना की भी घोषणा की।

सौर ऊर्जा क्षेत्र में अवाडा ग्रुप की उपाध्यक्ष सिंदूर मित्तल ने बताया कि उनकी 1.5 गीगावाट क्षमता की सोलर यूनिट चार महीने में शुरू हो चुकी है और अब वे ₹20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के लिए तैयार हैं। इससे यूपी का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छुएगा।

सीमेंट उत्पादन में अग्रणी अल्ट्राटेक सीमेंट ने अलीगढ़, शाहजहांपुर और टांडा में ₹1,981 करोड़ के निवेश की योजना साझा की। साथ ही टाटा पावर ने बुंदेलखंड क्षेत्र में ₹13,700 करोड़ की लागत से दो अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्रोजेक्ट लगाने की घोषणा की, जिससे प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को मजबूती मिलेगी।

गन्ना और चीनी उद्योग से जुड़ी बलरामपुर चीनी मिल्स ने लखीमपुर खीरी में बायोप्लास्टिक उत्पाद पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) के लिए नया संयंत्र लगाने की योजना बताई है। इससे पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

इसके अलावा कई अन्य उद्योग समूहों ने भी बड़े निवेश प्रस्ताव रखे हैं। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रतिनिधियों ने लखनऊ में निवेशक सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय रोड शो आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। ईएन कम्युनिकेशन द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे के पास ₹1,500 करोड़ की लागत से महाभारत संग्रहालय स्थापित करने की योजना है, जो प्रदेश के सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।

रिमेंस डीएसपी इंफ्रा ने ₹5 करोड़ से रोड पैच मिक्स प्लांट लगाने की घोषणा की है, वहीं लॉर्ड्स ग्रुप ने ₹1,500 करोड़ के निवेश से IVD और रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट लगाने की बात कही। डायसिस इंडिया अपने प्लांट की उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए ₹10 करोड़ का निवेश करेगी, जबकि कृष्णानंद ग्रुप लखनऊ और नोएडा में ₹25 करोड़ के रेडी मिक्स प्लास्टर संयंत्र लगाएगा।

योगी सरकार द्वारा बीते वर्षों में किए गए सुधार जैसे कि ऑनलाइन अनुमति प्रणाली, भूमि आवंटन में पारदर्शिता, बिजली-पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता, और सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली ने प्रदेश को उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और विभिन्न देशों में रोड शो आयोजित कर राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भी ध्यान आकर्षित किया है।

मुंबई में आयोजित इस राउंडटेबल मीटिंग में जिस तरह से निवेशकों ने अपनी प्रतिबद्धता और भरोसे का प्रदर्शन किया, वह इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अब केवल एक जनसंख्या संपन्न राज्य नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी भारत का अगला औद्योगिक शक्ति केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। इन प्रस्तावित निवेशों से प्रदेश में न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि युवाओं को तकनीकी और आधुनिक उद्योगों में जुड़ने का भी अवसर मिलेगा।