भारत से नक्सलवाद का खात्मा अब तय! आंकड़े और अमित शाह का दावा दे रहे हैं साफ संकेत

भारत से नक्सलवाद का सफाया अब सिर्फ वक्त की बात! आंकड़े और अमित शाह का बयान दे रहे मजबूत इशारा

01 जून 2025 | 
लेखक: अपडेट टीम
Naxalism Amit Shah
देश में पिछले कई दशकों से फैला नक्सलवाद अब अपनी अंतिम घड़ियां गिन रहा है। यह बात केवल सरकार की रणनीति तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब आंकड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 31 मार्च 2026 से पहले भारत को नक्सलवाद मुक्त कर दिया जाएगा।

गृहमंत्री शाह ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हुए ऑपरेशन के बाद कहा, “तीन दशकों में यह पहली बार है जब सीपीआई-माओवादी का कोई महासचिव मारा गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के अंतर्गत 54 नक्सली गिरफ्तार किए गए और 84 ने आत्मसमर्पण कर दिया।

मुठभेड़ में मारा गया टॉप कमांडर नंबाला केशवराव उर्फ बसवराजू पर ₹1.5 करोड़ का इनाम था। यह कार्रवाई नक्सलियों के संगठनात्मक ढांचे पर सबसे बड़ी चोट मानी जा रही है।

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2010 में जहां नक्सली हिंसा की 1,936 घटनाएं हुई थीं, वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर मात्र 374 रह गया है।

नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी 2013 में 126 से घटकर 2025 में सिर्फ 18 रह गई है। यह गिरावट सरकार की योजना और सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।

अमित शाह ने कहा कि, “मोदी सरकार ने संकल्प लिया है कि भारत को 2026 से पहले नक्सलवाद से मुक्त करना है, और अब हम उस लक्ष्य के बहुत करीब हैं।”

🔴 आंकड़ों पर नज़र:

🔹 2010 में घटनाएं: 1936 → 2024 में घटकर 374
🔹 नागरिकों की मौतें: 2010 में 720 → 2023 में 106
🔹 कुल मौतें (सुरक्षा + नागरिक): 2010 में 1005 → 2024 में 150
🔹 प्रभावित जिले: 2013 में 126 → 2025 में केवल 18
🔹 बुनियादी ढांचे पर हमले: 2010 में 365 → 2024 में 25
🔹 मारे गए नक्सली (2025 अब तक): 150+
🔹 गिरफ्तारियां: 54 (2025)
🔹 आत्मसमर्पण: 84 (2025)

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की विकास योजनाएं, सड़कें, स्कूल, और मोबाइल टावर जैसी सुविधाएं पहुंचने लगी हैं, जिससे आम नागरिकों का भरोसा लौट रहा है। यदि यह प्रक्रिया ऐसे ही जारी रही तो नक्सलवाद का अंत सिर्फ घोषणा नहीं, बल्कि हकीकत बन जाएगा।