किसानों के लिए राहत: अब मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में 6 माह तक कर सकेंगे आवेदन
लखनऊ, 20 मई 2025 — उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत आवेदन की समय सीमा को तीन माह से बढ़ाकर छह माह (180 दिन) कर दिया है। अब यदि किसी किसान के साथ दुर्घटना घटती है, तो उसके परिजन छह माह के भीतर इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे।
राजस्व विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे निर्धारित अवधि में आए हुए किसी भी पात्र आवेदन को खारिज न करें। पहले यह देखा गया था कि तीन माह की समयसीमा पूरी होने के बाद आने वाले आवेदन बड़े पैमाने पर अस्वीकृत किए जा रहे थे, जिससे पीड़ित परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
अब नए निर्देशों के अनुसार, तीन माह के भीतर आने वाले आवेदन सामान्य प्रक्रिया से आगे बढ़ेंगे, जबकि तीन से छह माह के भीतर आने वाले आवेदनों को जिलाधिकारी की संस्तुति के साथ स्वीकार किया जाएगा।
🎯 योजना का लाभ और पात्रता
सरकार ने यह योजना 14 सितंबर 2019 को लागू की थी। इसके तहत निम्न लाभ निर्धारित किए गए हैं:
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दुर्घटना में मृत्यु या दोनों हाथ, पैर या आंखों की क्षति होने पर ₹5 लाख की सहायता राशि
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एक हाथ या पैर की क्षति पर ₹2.5 लाख
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50% से अधिक स्थायी दिव्यांगता पर ₹2.5 लाख
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25% से अधिक स्थायी दिव्यांगता पर ₹1.25 लाख
अब किसान के परिवार के हर सदस्य को भी योजना के दायरे में लाया गया है, बशर्ते संबंधित व्यक्ति का नाम भू-अभिलेखों में दर्ज हो।
📜 पट्टे या ठेके पर खेती करने वालों को भी मिलेगा लाभ
सरकार ने इस योजना को और अधिक समावेशी बनाने के लिए पट्टे या ठेके पर खेती करने वाले किसानों को भी शामिल किया है। इसके लिए यह अनिवार्य होगा कि पट्टे या ठेके से जुड़े पंजीकृत दस्तावेज आवेदन के साथ संलग्न किए जाएं।
🛠 आवेदन से भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया
1️⃣ पात्रता जांच करें:
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मृतक/दिव्यांग किसान का नाम भू-अभिलेख में होना चाहिए
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दुर्घटना की तिथि से 6 माह के भीतर आवेदन आवश्यक
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ठेकेदार किसानों के लिए वैध पंजीकृत दस्तावेज अनिवार्य
2️⃣ आवश्यक दस्तावेज़:
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आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी
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मृत्यु प्रमाण पत्र या दिव्यांगता प्रमाण पत्र
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FIR या पोस्टमार्टम रिपोर्ट
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पासपोर्ट साइज फोटो
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शपथ पत्र
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पट्टे/ठेके के दस्तावेज (यदि लागू हो)
3️⃣ आवेदन कहां करें?
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ऑफलाइन: नजदीकी तहसील या जिलाधिकारी कार्यालय में
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ऑनलाइन: http://rahat.up.nic.in (यदि पोर्टल चालू हो)
4️⃣ जांच और स्वीकृति:
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लेखपाल/तहसीलदार द्वारा जांच
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जिलाधिकारी द्वारा अंतिम संस्तुति
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आवेदन की स्वीकृति के बाद राज्य स्तर पर अपलोड
5️⃣ भुगतान:
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स्वीकृति के बाद सहायता राशि DBT माध्यम से खाते में ट्रांसफर
📢 अधिकारियों को निर्देश
राजस्व विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कोई भी पात्र किसान या उसका परिवार इस योजना से वंचित न रहे।
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