"गाजियाबाद पुलिस की नई पहल: अब थाने में 'तू-तड़ाक' नहीं, सिर्फ सम्मान और सेवा!"

🟥 गाजियाबाद पुलिस ने लागू की नई नीति: थानों में अब नहीं चलेगा 'तू-तड़ाक'! जानें क्या बदलेगा अब?

📌 पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ का आदेश
📌 अब हर पुलिसकर्मी बोलेगा – "क्या बात है श्रीमान जी?"
📌 बदसलूकी पर करें शिकायत, बनाएं वीडियो


गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़

गाजियाबाद — नंदग्राम थाने में बीजेपी नेता से मारपीट कांड के बाद पुलिस महकमे में मानवीय चेहरा लाने की नई पहल हुई है। पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने “शिष्टाचार संवाद नीति” लागू कर दी है, जिसके तहत अब पुलिसकर्मी फरियादियों से सम्मानजनक भाषा में संवाद करेंगे।


अब थाने का बदलेगा माहौल:

  • गाली-गलौज और “तू-तड़ाक” को किया गया प्रतिबंधित।

  • महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर समुदाय को मिलेगा विशेष सम्मान।

  • पुलिसकर्मी अब सम्मानजनक भाषा में संवाद करेंगे।


बच्चों के लिए चॉकलेट, शिकायतकर्ताओं के लिए बैठने की सुविधा

  • हर थाने में बच्चों के लिए टॉफी-चॉकलेट की टोकरी रखी जाएगी।

  • शिकायतकर्ताओं के लिए बैठने और आरामदायक व्यवस्था की जाएगी।

  • संतरी ड्यूटी पर अब मोबाइल और ईयरफोन का प्रयोग प्रतिबंधित होगा।


अनुशासन की नई गाइडलाइन

  • पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर वीडियो नहीं बना सकेंगे।

  • वर्दी के साथ नेमप्लेट और कैप पहनना अनिवार्य होगा।

  • अगर कोई पुलिसकर्मी बदसलूकी करता है, तो जनता वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेज सकती है।


उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में कब लागू होगी यह नीति?

गाजियाबाद की इस पहल को लोगों द्वारा सराहा गया है, और अब उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस नीति को लागू करने की मांग हो रही है। लोग चाहते हैं कि यह नीति लखनऊ, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर और अन्य शहरों में भी लागू की जाए।


"यह बदलाव सिर्फ आदेश नहीं, एक सोच का परिवर्तन है – कि वर्दी का रौब नहीं, बल्कि सेवा का भाव दिखे।"



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